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बरसात (मॉनसून) के मौसम में खान-पान और जीवनशैली

बरसात (मॉनसून) के मौसम में हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। नमी, कीचड़ और पानी में रहने वाले रोगजनक—विशेष रूप से बैक्टीरिया, वायरस और पैथोजन—की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए खान-पान और जीवनशैली के माध्यम से हमें अपने स्वास्थ्य को मजबूत रखना बेहद महत्वपूर्ण है

1. खाद्य चयन और खान-पान की आदतें

1.1. ताजगी और स्वच्छता

सब्ज़ियाँ और फल: घर पर धोए और उबाले—जैसे पालक, गाजर, ग्रीन बीन्स। छीलकर खाई जा सकने वाली जैसे सेब, केला पहले अच्छी तरह धोएं।

दाल–अनाज: मसूर, अरहर, मूंग आदि—पैक्ड नहीं, ताज़े दानों का प्रयोग करें।

दूध एवं डेयरी: उबला दूध ही लें; पाश्चुरीकृत दूध ही उपयोग करें। दही या छाछ ताजा हो।

1.2. दोपहर व रात का भोजन

प्रोटीन—चिकन, मछली, अंडे, फलियां।

कार्बोहाइड्रेट—चपाती, ब्राउन राइस, ओट्स, फ Groß An needs.

फाइबर—फल, सब्जियाँ, ब्रोकली, सलाद।

1.3. साथी पेय पदार्थ

उबला पानी ही पिएं—दिन में कम से कम 2–3 लीटर।

हर्बल टी—अदरक-तुलसी की चाय, हल्दी-शहद वाली।

कोल्ड ड्रिंक्स, एडिटिव/प्रिज़र्वेटिव युक्त पेय से बचें।

1.4. स्नैक्स और नाश्ते

घर पर बनाए स्नैक्स—उदाहरण के लिए:

सूखे मेवे: बादाम, किशमिश, अखरोट (नमकीन न हो)।

अंकुरित मूंग—छोले, मेथा।

मखाने—हल्का तड़का के साथ।

चना–ज्वार–रागी के चक्कर, या मिल-जुलकर प्रोटीन और फाइबर—इन्हें बस तेल कम रखें।

北 2. खाना पकाने की तकनीक

2.1. उबालना और स्टीम करना

सलाद या हल्की सब्जियाँ स्टीम करें।

दाल–चावल–चटनी आदि पूरी तरह उबालकर खाएं।

2.2. तेल व मसालों का चयन

तेल: रिफाइंड तेल कम और जैतून/सरसों/सरसों का हल्का तेल—तनाव नियंत्रण में मदद।

मसाले: हल्दी, जीरा, धनिया, काली मिर्च, इमली, अदरक—ये एंटीबैक्टीरियल हैं।

2.3. तलना और भर्ता से बचें

बेसन या मैदा से बनी चीजें जैसे पकोड़े, भजी, समोसे ज़रुर रखें—क्योंकि वे दूषित पानी और फल-सब्जियों जैसी चीजों से संक्रमण बढ़ा सकते हैं।

3. भोजन का सेवन—समय, मात्रा व सावधानियाँ

3.1. समय पर भोजन

नियमित समय पर खाएं—नाश्ता सुबह 8–9 बजे, दोपहर का भोजन 12–1 बजे, शाम का नाश्ता 4–5 बजे, रात 7–8 बजे।

देर से खाना—पाचन कमजोर बनता है।

3.2. भोजन का धीरे-धीरे ग्रहण

भोजन धीरे–धीरे चबाकर खाएं—पाचन में सुधार और पेट संबंधी समस्याएँ कम होती हैं।

3.3. खाने की मात्रा

हल्का भोजन—ज्यादा भोजन से कमजोरी, पेट दर्द हो सकता है, खासकर नमी के मौसम में पाचन धीमा रहता है।

4. जल (Water) संबंधी सावधानियाँ

4.1. शुद्ध एवं सुरक्षित पानी

RO/UV फिल्टर, थर्मल बॉतल, ठंडा पानी—कीचड़युक्त अथवा संदिग्ध पानी नहीं।

जरूरी हो तो 1 ग्राम क्लोरीन या 2 मिलीटन ब्लीच per लीटर, 30 मिनट इंतजार करकर पिएं।

4.2. पानी की आदतें

खाने से 30 मिनट पहले और बाद में—पूरी तरह पानी पिएं, चाय-कॉफी खाने के बीच में।

5. एंटीऑक्सीडेंट–विटामिन का सेवन

5.1. विटामिन C

नींबू, बेलपत्र, आंवला, ऑरेंज—इनका जूस, सलाद या हल्का स्नैक्स।

5.2. विटामिन D

मॉनसून में धूप कम—विटामिन D सप्लिमेंट डॉक्टर की सलाह से, या खाद्य स्रोत जैसे ट्यूना, मशरूम (सूर्य में रखा हुआ)।

5.3. ज़िंक

सी फूड, बीज (कद्दू, तिल), नट्स (काजू)—प्रतिरोधक क्षमता में मदद।

5.4. आयरन

पालक, गाजर, सूखी खट्टे, गुड़—खान-पान में इसे शामिल करें।

6. जीवनशैली और स्वच्छता

6.1. हाथ–पैर की सफाई

बाहर से आने के बाद हाथ, पैर साबुन से धोएं।

बच्चों को गंदे मिट्टी व पानी से खेलने के बाद साफ करें।

6.2. स्नान आदतें

गीले कपड़ों से बचें।

शाम को हल्का स्नान और कपड़े सुखा व साफ रखें।

6.3. स्लीप (नींद)

रात को 7–8 घंटे सोएं—भोजन के 2 घंटे बाद सोना उपयुक्त।

6.4. शारीरिक गतिविधियाँ

मॉर्निंग WALK, योग—सांस की समस्या, नमी से होने वाली एलर्जी से राहत।

मिट्टीबन्य कीचड़ पर पैरों को कवर रखकर चलें।

7. शरीर की सुरक्षा एवं रोगों से बचाव

7.1. मॉस्क/हाथ–पैर ढकना

बाहर जाते समय हल्के प्रोटेक्शन जैसे मस्क़ दूषित पानी से संक्रमण से बचाते हैं।

कूलर और वाटर टैडी हॉगज़—जीका, डेंगू को नियंत्रित रखें।

7.2. ऐंटीसेप्टिक/डिसइंफेक्टेंट

कीटनाशक स्प्रे, ड्रायर, मिट्टी फफूंदी से बचाव— घर की सैनेटाइज।

7.3. डीब्यूगींग

खुला पानी नहीं खाएं।

8. मॉनसून में विशेष ध्यान दें – रोग एवं समस्या

8.1. डायरिया–पेट रोग

 यदि आपको किसी सेवा या सप्लीमेंट की जानकारी चाहिए—जैसे विशिष्ट आयुर्वेदिक दवा, या मॉनसून थर्मोस्टैटेड पानी गिलास—तो कृपया बताएं! मैं आपके लिए वह भी विस्तार से शोध करके दूँगा। 

जीवनशैली: क्लोरीनेटेड पानी, छीलकर खाए फल, उबला सब्जी, बाँकी।

ORS, दही—पानी–नमक संतुलन के लिए।

8.2. वायरल संक्रमण

हल्दी–दूध, तुलसी–अदरक चाय।

बुखार में तुरंत डॉक्टरी सलाह ली जाए।

8.3. स्किन की समस्या

एंटीफंगल स्प्रे, मॉइस्चराईज़र।

संक्रमण रोकने के लिए सूखा रखें।

8.4. घुटनों आदि जोड़ समस्याएँ

हल्का व्यायाम और योग।

गरम सेंक या कॉम्प्रेस लपेटें, दर्द–रोधी दवाएँ।

9. सप्लीमेंट्स और आयुर्वेदिक तालमेल

9.1. जब ज़रुरत हो

विटामिन C, D, ज़िंक—आहार के साथ।

ओमगा‑3 कैप्सूल—हर्बल स्रोतों से।

9.2. आयुर्वेदिक उपाय

सौंठ, तिल तेल कान में;

नीम–चंदन पेस्ट त्वचा के लिए।

10. मौसमी रसोई – स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यकर

10.1. ताज़ा सलाद

गाजर-खीरा–टमाटर–प्याज–हरी धनिया।

10.2. हल्का सुप

मूंग–हरड–अदरक–मिर्च के साथ।

10.3. हेल्दी स्नैक्स

मखाना–भुना—हल्का नमक, हल्दी।

अंकुरित चना–मीठा चाट।

11. समेकित जीवनशैली – दीर्घ अवधि

मस्तिष्क विश्राम: योग–ध्यान।

रोग निवारक: नियमित चेकअप।

मानसिकสุข: सकारात्मक सोच, हँसी, सोशल कनेक्शन।

क्षेत्र मुख्य सुझाव

खाद्य ताजगी, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स
पानी शुद्ध पानी, उबालना, क्लोरीन
स्वच्छता हाथ–पैर साफ, कपड़े सूखे
रोग–रोधी उपाय चाय–हरीIVAL, हर्बल, एंटीसेप्टिक
व्यायाम सुबह–स्नान–योग–वॉक
सलाह डाईट शीट, मॉनसून-विशेष चिंताएं

इन सब उपायों को संयोजित रूप में अपनाने पर आप इस मॉनसून को स्वस्थ, ऊर्जावान और प्रसन्नचित्त तरीके से बिता पाएंगे।

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Global Views News

Hema Patel