देशभर में 20 संगठन हड़ताल में शामिल नहीं हो रहे हैं, जिसमें भारतीय मजदूर संघ, इंडियन ऑयल से जुड़े कई संगठन, एनटीपीसी इस्पात समेत कई अन्य संगठन शामिल हैं।
चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) समेत अपनी अन्य प्रमुख मांगों को लेकर श्रमिक संगठन बुधवार को देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। दावा किया जा रहा है कि इसमें करीब 25 करोड़ कर्मचारी शामिल होंगे, जिससे बैंक, डाक, बीमा, परिवहन, उद्योग, कोयला खनन से लेकर निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। उधर, सरकार की तरफ से कहा गया है कि बातचीत के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। जिन मुद्दों व कानूनों को लेकर कर्मचारी संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है, उन्हें राज्य सरकारों द्वारा पहले से लागू किया जा चुका है।
17 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, एनएमडीसी लिमिटेड, खनिज और इस्पात कंपनियों के कर्मचारी यूनियनों, बैंक व बीमा कंपनियों से जुड़ी यूनियन, राज्य सरकारों के विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी संगठन हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन दिया है।
देशव्यापी हड़ताल में बिजली क्षेत्र के बड़ी संख्या में कर्मचारियों के भाग लेने के कारण 9 जुलाई को भारत की बिजली आपूर्ति में व्यवधान आ सकता है। भारत बंद में इस क्षेत्र के 27 लाख से अधिक कर्मचारियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। यूनियन की ताकत और बिजली बोर्डों द्वारा की गई स्थानीय व्यवस्था के आधार पर, क्षेत्र के अनुसार प्रभाव की सीमा अलग-अलग हो सकती है।
10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी संगठन मुख्य तौर पर हड़ताल में शामिल होंगे, जिसका मकसद केंद्र सरकार की मजदूर और किसान से जुड़ी नीतियों का विरोध करना है। संगठनों का कहना है कि उनके द्वारा लंबे समय के बाद कई मुद्दों को उठाया जा रहा है लेकिन कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। न ही कहीं कोई सुनवाई हो रही है
बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र बुधवार के भारत बंद में शामिल होगा। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) से संबद्ध बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ ने आगे कहा कि बीमा क्षेत्र भी हड़ताल में शामिल होगा। पूरे देश में बैंकिंग सेवाएं बाधित होने की संभावना है, हालांकि अभी तक किसी बैंकिंग अवकाश की घोषणा नहीं की गई है